health-alcohal-causes-7-types-of-cancer शराब और कैंसर के बीच संबंध के बढ़ते प्रमाण !शराब पर Warning लेबल की मांग: कैंसर से जुड़े खतरे और जागरूकता की नई पहल

Health :  Alcohol causes 7 types of cancer. America to consider warning label on Alcohal
Health : Alcohol causes 7 types of cancer. America to consider warning label on Alcohal

Alco और cancer  के बीच संबंध: बढ़ते प्रमाण
अमेरिकी सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण health सलाह जारी की है, जिसमें उन्होंने बीयर और वाइन जैसे मादक पेय पदार्थों पर कैंसर के खतरों के संबंध में चेतावनी लेबल लगाने की सिफारिश की है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब शोधों से यह स्पष्ट हो रहा है कि शराब का सेवन, चाहे वह कम मात्रा में ही क्यों न हो, कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

डॉ. मूर्ति ने अपने बयान में कहा, “अल्कोहल और कैंसर के बीच एक कारणात्मक संबंध है। यह तथ्य लंबे समय से मौजूद डेटा से प्रमाणित होता आ रहा है, और हालिया अनुसंधान इसे और मजबूत कर रहा है।” उन्होंने आगे बताया कि अमेरिका में कैंसर के कारण होने वाली मौतों में शराब तीसरा सबसे बड़ा रोकथाम योग्य कारण है, जो हर साल करीब 20,000 मौतों के लिए जिम्मेदार है।

कैंसर और शराब: सात प्रकार के कैंसर का खतरा
इस स्वास्थ्य सलाह में बताया गया है कि शराब का सेवन कम से कम सात प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। इनमें स्तन कैंसर, गला, मुँह, ग्रासनली, स्वरयंत्र, बृहदान्त्र और यकृत कैंसर शामिल हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन मौतों में से 17% ऐसे लोगों में होती हैं, जो अमेरिकी आहार दिशानिर्देशों के अनुसार शराब का सेवन करते हैं, यानी महिलाएं एक दिन में एक ड्रिंक और पुरुष दो ड्रिंक।

इसके बावजूद, आधे से भी कम अमेरिकी इस तथ्य से अवगत हैं कि शराब और कैंसर के बीच एक संबंध है। चेतावनी लेबल लगाने का उद्देश्य इन स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति जनता को जागरूक करना है।

health : शराब की खपत और बदलती आदतें
हाल ही में युवाओं के बीच शराब की खपत में कमी देखी गई है। 2023 में मादक द्रव्य दुरुपयोग और मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रशासन द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, 18-25 वर्ष के केवल 49.6% अमेरिकियों ने पिछले महीने शराब पीने की सूचना दी, जबकि 2013 में यह आंकड़ा 59.6% था।

इस बदलाव का मुख्य कारण स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता और “ड्राई जनवरी” जैसे अभियानों को माना जा रहा है। यह एक ऐसा महीना है, जब लोग शराब से परहेज करते हैं और स्वस्थ आदतें अपनाते हैं।

शराब और तंबाकू: चेतावनी लेबल का प्रभाव
तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी लेबल लगाने के प्रभाव को देखते हुए, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि शराब पर भी इसी तरह की रणनीति अपनाने से सकारात्मक बदलाव आ सकता है। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने अपने बयान में इस बात को दोहराया कि कैंसर के जोखिमों के बारे में व्यापक जागरूकता के बावजूद, जनता में जानकारी सीमित है।

हालांकि, कुछ लोगों ने इस पहल के प्रभाव पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि शराब और स्वास्थ्य के बीच संबंधों की जटिलता को समझना महत्वपूर्ण है। केवल चेतावनी लेबल लगाना ही पर्याप्त नहीं होगा।

सांस्कृतिक बदलाव और सामाजिक दृष्टिकोण
जैसे-जैसे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, युवा पीढ़ी शराब के प्रति अपने दृष्टिकोण को बदल रही है। गैर-अल्कोहल पेय पदार्थों के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म “द ज़ीरो प्रूफ” के सीईओ सीन गोल्डस्मिथ ने कहा, “अधिक से अधिक लोग यह समझने लगे हैं कि शराब आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है।”

उनके अनुसार, उनके ग्राहक, जिनमें से 90% शराब पीने वाले हैं, स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों की तलाश में हैं। खासतौर पर 28-43 वर्ष की आयु के मिलेनियल्स मॉकटेल और अन्य गैर-अल्कोहलिक पेय पदार्थों को पसंद कर रहे हैं।

जनता को जागरूक करना: एक साझा जिम्मेदारी
शराब और कैंसर के बीच संबंध को लेकर चेतावनी लेबल की पहल न केवल स्वास्थ्य विशेषज्ञों की जिम्मेदारी है, बल्कि यह सरकार, उद्योग जगत और जनता की भी सामूहिक जिम्मेदारी है। WHO विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी शराब के स्वास्थ्य जोखिमों पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर ज़ोर दिया है।

शराब पर चेतावनी लेबल लगाने की यह मांग अमेरिकी समाज में शराब पीने के प्रति दृष्टिकोण को नया आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। जैसे-जैसे स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली की ओर झुकाव बढ़ रहा है, यह कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकता है।

निष्कर्ष
शराब के स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जोड़ना, समय की मांग है। चेतावनी लेबल लगाने की पहल न केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को उजागर करेगी, बल्कि इसे कम करने में भी सहायक होगी। यह एक ऐसा विषय है, जिस पर विचार-विमर्श और जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में एक स्वस्थ समाज की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।

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