Fossil of oldest bird skull discovered in Antarctica ! अंटार्कटिका में खोजा गया सबसे पुराने पक्षी का  जीवाश्म

science: fossil of oldest bird skull discovered in Antarctica
science: fossil of oldest bird skull discovered in Antarctica (photo credit: ChatGPT)

science: वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में एक महत्वपूर्ण जीवाश्म खोज की है, जो अब तक के सबसे पुराने ज्ञात आधुनिक पक्षी का प्रमाण प्रस्तुत करता है। यह पक्षी एक जलपक्षी की तरह था, जिसका आकार लगभग एक मल्लार्ड बत्तख के बराबर था। अध्ययन के अनुसार, यह जीवाश्म वेगाविस इयाई नामक एक विलुप्त पक्षी प्रजाति से संबंधित है, जो लगभग 68 मिलियन वर्ष पहले क्रेटेशियस काल के अंत में पृथ्वी पर विचरण करती थी।

वेगाविस इयाई: एक अनूठी खोज

Antarctica में खोजे गए इस जीवाश्म ने वैज्ञानिक समुदाय को रोमांचित कर दिया है क्योंकि यह पक्षी उस युग में जीवित था, जब टायरानोसॉरस रेक्स जैसे विशालकाय डायनासोर उत्तरी अमेरिका में घूम रहे थे। यह खोज इस बात का भी प्रमाण देती है कि आधुनिक पक्षियों की उत्पत्ति बहुत पहले हो चुकी थी और वे डायनासोरों के युग में ही विकसित हो चुके थे।

आधुनिक पक्षियों से समानता

वेगाविस इयाई का fossil इसकी विशेषताओं के कारण अद्वितीय है। यह आधुनिक जलपक्षियों की तरह दिखता था और संभवतः पानी में तैरने और गोताखोरी करने में सक्षम था। वैज्ञानिकों ने पाया कि इसके जबड़े की संरचना और मांसपेशियां मछली पकड़ने के अनुकूल थीं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह एक प्रभावी शिकारी था।

खोपड़ी संरचना और आधुनिक पक्षी वर्गीकरण

वेगाविस की खोपड़ी के विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ कि इसमें दांतों की अनुपस्थिति और ऊपरी चोंच को बनाने वाली एक बढ़ी हुई प्रीमैक्सिलरी हड्डी थी, जो इसे आधुनिक पक्षियों की श्रेणी में रखती है। इससे पहले, अधिकांश आधुनिक पक्षी जीवाश्म 66 मिलियन वर्ष पहले बड़े पैमाने पर विलुप्ति के बाद पाए गए थे, लेकिन इस खोज ने वैज्ञानिकों के इस विश्वास को चुनौती दी है कि आधुनिक पक्षियों की उत्पत्ति इस घटना के बाद ही हुई थी।

Antarctica में खोजे गए जीवाश्म के महत्व

अंटार्कटिका में मिले इस जीवाश्म का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इस क्षेत्र में जैव विविधता के बारे में अभी भी वैज्ञानिकों को बहुत कम जानकारी है। 2011 में अंटार्कटिक प्रायद्वीप जीवाश्म विज्ञान परियोजना के दौरान खोजे गए इस जीवाश्म के अध्ययन से यह पता चला कि क्रेटेशियस काल के अंत में भी पक्षियों में विविधता मौजूद थी।

science:पारिस्थितिकी और विकासवादी अध्ययन

वैज्ञानिकों ने इस जीवाश्म की तुलना अन्य जीवित और विलुप्त पक्षियों से की है। डिजिटल पुनर्निर्माण तकनीकों के माध्यम से वेगाविस की खोपड़ी को दोबारा संरचित किया गया और इसका विश्लेषण किया गया। इसके अध्ययन से यह पता चला कि यह पक्षी जलपक्षियों के विकासवादी इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

आधुनिक पक्षियों के विकास की नई दिशा

वेगाविस इयाई की खोज यह दर्शाती है कि क्रेटेशियस काल में आधुनिक पक्षियों की विविधता पहले से ही स्थापित हो चुकी थी। इससे पहले वैज्ञानिक यह मानते थे कि आधुनिक पक्षियों के लक्षणों का विकास बड़े पैमाने पर विलुप्ति के बाद हुआ, लेकिन वेगाविस की खोज इस धारणा को बदल सकती है।

Antarctica का जैविक महत्व

यह खोज Antactica में fossil विज्ञान की दिशा में एक नया आयाम खोल सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में अभी भी कई अनदेखे जीवाश्म मौजूद हो सकते हैं, जो पृथ्वी के जैविक और जलवायु इतिहास को समझने में मदद कर सकते हैं।

निष्कर्ष

वेगाविस इयाई का जीवाश्म वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण खोज है, जो न केवल आधुनिक पक्षियों के विकास को समझने में मदद करेगा, बल्कि यह भी दर्शाएगा कि पृथ्वी पर जीव विविधता किस प्रकार विकसित हुई। यह अध्ययन इस बात पर भी जोर देता है कि अंटार्कटिका में भविष्य में और भी महत्वपूर्ण खोजें हो सकती हैं, जो हमारे ग्रह के इतिहास को और अधिक स्पष्ट कर सकती हैं।

इस खोज ने पक्षी विज्ञान और जीवाश्म अध्ययन के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है और यह दर्शाता है कि आधुनिक पक्षियों के पूर्वज बहुत पहले ही विकसित हो चुके थे।

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