Global Hunger Index 2024 में भारत 105वे पायदान पे| देश में भुखमरी Serious श्रेणी में!

Global Hunger Index(GHI)  क्या होता है ?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स  वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भुखमरी को व्यापक रूप से मापने और ट्रैक करने का एक उपकरण है।  इसकी  गणना 100-पॉइंट स्केल पर की जाती है जो भुखमरी की गंभीरता को दर्शाता है – 0 सबसे अच्छा स्कोर है (जिसका अर्थ है कोई भुखमरी नहीं) और 100 सबसे खराब है|

 

Global Hunger Index 2024
Global Hunger Index 2024

GHI के मुख्य संकेतक

GHI स्कोर चार घटक संकेतकों के मूल्यों पर आधारित हैं

  1. Undernourishment (अल्पपोषण): अपर्याप्त कैलोरी सेवन वाली आबादी का हिस्सा।
  2. Child Wasting (चाइल्ड वेस्टिंग): पांच साल से कम उम्र के बच्चों का हिस्सा जिनका वजन उनकी ऊंचाई के हिसाब से कम है, जो तीव्र कुपोषण को दर्शाता है।
  3. Child stunting ( बाल बौनापन): पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों का हिस्सा जिनकी ऊँचाई उनकी आयु के हिसाब से कम है, जो दीर्घकालिक कुपोषण को दर्शाता है।
  4. Child Mortality (बाल मृत्यु दर): पाँचवें जन्मदिन से पहले मरने वाले बच्चों का हिस्सा, जो आंशिक रूप से अपर्याप्त पोषण और अस्वास्थ्यकर वातावरण के घातक मिश्रण को दर्शाता है।

GHI2024 में भारत 105वे पायदान पे!

127 देशो में भारत 105  वे स्थान पे रहा | भारत्त का स्कोर 27.3 था जो गंभीर श्रेणी में आता है |

पड़ोसी देशो का  GHI रैंकिंग कैसा रहा !

दक्षिण एशिया में भुखमरी की समस्या गंभीर बनी हुई है, जो बढ़ती कुपोषण और लगातार उच्च बाल कुपोषण को दर्शाती है, जो खराब आहार गुणवत्ता, आर्थिक चुनौतियों और प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते प्रभावों से प्रेरित है। भारत के पडोशी मुल्को की बात करे तो पाकिस्तान का रैंकिंग 109 है जबकि अफगानिस्तान की  116 है तो वही बांग्लादेश की  84 है |

वैश्विक हालात क्या है ?

अफ्रीका  का दक्षिणी भाग दुनिया का ऐसा क्षेत्र है जहाँ भुखमरी का स्तर सबसे अधिक और सबसे चिंताजनक है। सोमालिया एक लंबे समय से चली आ रही भुखमरी का सामना कर रहा है, जिसका मुख्या कारन गृह युद्ध, कमजोर अर्थवयवस्था और जलवायु परिवर्तन है |

लैटिन अमेरिका और कैरिबियन हालाँकि लैटिन अमेरिका और कैरिबियन में भुखमरी को निम्न श्रेणी में रखा गया है, यह एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहाँ 2016 के बाद से भूख की स्थिति और खराब हुई है,
जिसका कारण खाद्य मुद्रास्फीति और उर्वरक की बढ़ती कीमतें, बढ़ता कर्ज और बिगड़ती ऋण स्थितियाँ हैं, जो संरचनात्मक असमानताओं और अत्यधिक गरीबी को बढ़ाती हैं

पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका
मध्यम श्रेणी में आने वाले पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका का जीएचआई स्कोर स्थिर हो गया है, जो संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और व्यापार झटकों के अतिव्यापी प्रभावों को दर्शाता है।गाजा पिछले 20 वर्षों में सबसे गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहा है, क्योंकि गाजा की लगभग पूरी आबादी  खाद्य असुरक्षा के संकट का सामना कर रही है|

पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया
पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में भुखमरी का स्तर कुल मिलाकर कम है, हालाँकि प्रगति रुक ​​गई है और देशों के बीच भारी असमानताएँ हैं| मंगोलिया ने 2000 के बाद से अपने GHI स्कोर में 80 प्रतिशत से अधिक की कमी की है|

यूरोप और मध्य एशिया
हाल की चुनौतियों के बावजूद, यूरोप और मध्य एशिया का क्षेत्र 2030 तक Low GHI को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। 22 देश ऐसे थे जिनका गहि स्कोर 5 से निचे था |

2000 से 2016 के बीच भुखमरी के खिलाफ़ की गई महत्वपूर्ण प्रगति दर्शाती है कि सिर्फ़ डेढ़ दशक में कितना कुछ हासिल किया जा सकता है। उस अवधि में, वैश्विक GHI स्कोर में लगभग एक तिहाई की गिरावट आई और विश्व स्तर पर भुखमरी गंभीर से मध्यम स्तर पर पहुँच गई। तब से, पूरी दुनिया और कई देशों के लिए, भुखमरी के खिलाफ़ प्रगति स्थिर हो गई है और कुछ देशों में तो यह उलट भी गई है|  2030 तक शून्य भुखमरी को प्राप्त करने की समय सीमा के बावजूद बहुत सारे देश और विश्व की एक बड़ी आबादी अभी भी गंभीर भुखमरी का सामना कर रहा है | 2024 में वैश्विक GHI 18.3  रहा |

 

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