भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री में होगा क्रांतिकारी परिवर्तन ! जाने क्या है प्रस्तावित Sustainable Bharat Mission for Textiles (SBM-T) 2024?

Sustainable Bharat Mission for Textiles (SBM-T)

वैश्विक textile मार्किट में sustainability की मांग के मध्ये नजर भारत भी जल्द ही एक sustainable textile framework लाने जा रहा है|वस्त्र मंत्रालय(ministry of textile) के अनुसार सरकार कपड़ा क्षेत्र में sustainability की आवश्यकता के बारे में जागरूक है और उसने सभी हितधारकों को शामिल करते हुए एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया है। तदनुसार मंत्रालय ने ESG (Environment Social Governance) सिद्धांतों को सुसंगत तरीके से बढ़ावा देने के उद्देश्य से चर्चाओं को आगे बढ़ाने और पहलों को लागू करने के लिए 20.07.2023 को एक पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) टास्क फोर्स की स्थापना की है। टास्क फोर्स की बैठकें 22.08.2023, 17.11.2023 और 22.05.2024 को हुईं। ESG टास्क फोर्स इस सन्दर्भ में मौजूद पुराने पालिसी और आंकड़ों का अवलोकन कर रही है तथा विभिन स्टेकहोल्डर्स से परामर्श के बाद खुद के Sustainable Bharat Mission for Textiles (SBM-T)  बनाने जा रही है | आइये विस्तार में जानते है की इस  पे अब तक क्या हुआ है !

Sustainable Bharat Mission for Textiles (SBM-T)
Sustainable Bharat Mission for Textiles (SBM-T)

मुख्य सुझाव 

  1. स्थिरता मानकों का भारतीयकरण: अंतरराष्ट्रीय रूपरेखाओं (जैसे हिग इंडेक्स) का भारतीय संस्करण विकसित किया जाए, जो स्थानीय कपड़ा उद्योग के लिए प्रासंगिक हो।
  2. क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण: नीतियों में क्षेत्रीय विविधताओं को ध्यान में रखकर क्लस्टर दृष्टिकोण अपनाया जाए।
  3. जैव विविधता और प्रकृति संरक्षण: नीतियों में भूमि उपयोग और जैव विविधता संरक्षण को भी शामिल किया जाए।
  4. श्रमिक कल्याण: श्रमिकों की भलाई और सामाजिक अनुपालन के लिए जागरूकता बढ़ाई जाए।
  5. पुनर्चक्रण को प्रोत्साहन: पुनर्चक्रित सामग्री के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए RLI/SLI जैसे प्रोत्साहन दिए जाएं और इन उत्पादों को अलग पहचान देने के लिए HSN कोड निर्धारित किए जाएं।
  6. डेटा पारदर्शिता और संग्रह: डेटा संग्रह के बेहतर तंत्र विकसित किए जाएं ताकि उद्योग सही फैसले ले सके और हरित वित्त तक पहुंच बना सके।
  7. जागरूकता और क्षमता निर्माण: MSME और उपभोक्ताओं के बीच स्थायी उत्पादन और उपभोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएं।

 वस्त्र मंत्रालय ने Sustainable Bharat Mission for Textiles (SBM-T) के प्रस्तावित घटकों को प्रस्तुत किया। ये घटक विभिन्न हितधारकों के साथ हुए संवाद और ईएसजी टास्क फोर्स की बैठकों से प्राप्त निष्कर्षों पर आधारित हैं।

SBM-T के प्रमुख प्रस्तावित घटक:

  1. संसाधन उपयोग दक्षता को प्रोत्साहन
  2. रीसाइक्लिंग केंद्रों की स्थापना (पूर्व और पश्चात-उपभोक्ता कचरे के लिए)
  3. सतत फैशन/टेक्सटाइल तकनीक के लिए उत्कृष्टता केंद्र
  4. ज्ञान प्रबंधन के लिए ई-पोर्टल
  5. नवाचार और स्टार्टअप उत्कृष्टता को प्रोत्साहन

अब तक मुख्य निष्कर्ष:

  1. संसाधन दक्षता:
    • पानी, ऊर्जा और रसायनों के कुशल उपयोग के लिए विशेष हस्तक्षेप जरूरी हैं।
    • उपचारित सीवेज पानी जैसी वैकल्पिक जल आपूर्ति पर विचार किया जाए।
    • PLI और PM-MITRA जैसी योजनाओं में प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं।
  2. रीसाइक्लिंग:
    • पश्चात-उपभोक्ता कचरे को सुव्यवस्थित करना जरूरी है।
    • प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और रीसाइक्लिंग तकनीकों के प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
    • एक विशेष रीसाइक्लिंग वर्टिकल बनाकर भारत को वैश्विक रीसाइक्लिंग केंद्र बनाने का सुझाव दिया गया।
  3. ई-पोर्टल का विकास:
    • सभी हितधारकों ने एक मजबूत ई-पोर्टल की जरूरत पर जोर दिया जो नीतियों, योजनाओं और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा कर सके।
  4. प्रौद्योगिकी उन्नयन:
    • पुरानी तकनीकों को बदलने और नई तकनीकों को अपनाने के लिए सब्सिडी और कर प्रोत्साहन का सुझाव दिया गया।
  5. मंत्रालयों के बीच समन्वय:
    • विभिन्न मंत्रालयों की योजनाओं में समन्वय की आवश्यकता है ताकि उद्योग को अधिक लाभ मिल सके।
  6. मानक और प्रमाणन:
    • प्रमाणन की उच्च लागत के कारण MSMEs के लिए निर्यात में प्रतिस्पर्धा करना कठिन होता है।
    • MSMEs के लिए प्रमाणन लागत पर सब्सिडी का सुझाव दिया गया।
  7. प्रदर्शनी और प्रदर्शनियाँ:
    • वैश्विक प्रदर्शनियों में भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर विचार किया गया ताकि भारतीय उत्पादों और तकनीकों को प्रदर्शित किया जा सके।

कार्य योजना:

  1. नीति ढाँचे का विकास:
    • CII को हितधारकों के साथ परामर्श करके मसौदा नीति विकसित करने और मंत्रालय के साथ साझा करने का निर्देश दिया गया।
  2. क्लस्टर-स्तरीय परामर्श:
    • मंत्रालय द्वारा क्षेत्रीय विविधताओं को ध्यान में रखते हुए क्लस्टर स्तर पर परामर्श आयोजित किए जाएंगे।
  3. स्थिरता पहलों का संग्रह:
    • उद्योग और क्लस्टर संगठनों को सर्वोत्तम प्रथाओं और क्षेत्रीय स्थिरता पहलों को साझा करने के निर्देश दिए गए।

आगे की  उद्योग के हितधारकों ने संसाधन दक्षता बढ़ाने, प्रौद्योगिकी उन्नयन, और रीसाइक्लिंग को प्रोत्साहित करने पर सहमति व्यक्त की। स्थिरता के लिए सहयोगी प्रयासों के महत्व पर बल दिया गया और एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने की आवश्यकता जताई गई। उम्मीद है जल्द ही भारत सुस्तानाबले के को बनाने और लागू करने में सफलता हासिल करेगा और वैश्विक टेक्सटाइल बाजार में एक मजबूत सतम्भ बनेगा |

 

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