
Technology : WhatsApp, जो दुनिया के सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स में से एक है, अब गूगल के सहयोग से फर्जी और भ्रामक सूचनाओं के प्रसार को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। व्हाट्सएप ने “रिवर्स इमेज सर्च” नामक एक नई सुविधा पेश की है, जो उपयोगकर्ताओं को गूगल के माध्यम से किसी भी छवि की प्रामाणिकता की जांच करने का अवसर देती है।
फर्जी सूचनाओं और गलत जानकारी का बढ़ता खतरा
व्हाट्सएप पर गलत और भ्रामक जानकारी के प्रसार की समस्या लंबे समय से चर्चा का विषय रही है। फर्जी खबरें और छवियां अक्सर बड़ी तेजी से साझा की जाती हैं, जिससे सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भ्रम की स्थिति पैदा होती है। इन फर्जी सूचनाओं का उपयोग कई बार दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है, जिससे गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
Technology : “रिवर्स इमेज सर्च” कैसे काम करता है?
व्हाट्सएप ने इस समस्या से निपटने के लिए “रिवर्स इमेज सर्च” Technology पेश किया है। यह फीचर वर्तमान में व्हाट्सएप वेब और एंड्रॉइड बीटा संस्करण पर उपलब्ध है। इसका उपयोग करने के लिए:
- किसी भी प्राप्त छवि पर क्लिक करें।
- चैट स्क्रीन के ऊपरी दाएं कोने में मौजूद तीन-बिंदु मेनू पर जाएं।
- “वेब पर खोजें” विकल्प का चयन करें।
यह विकल्प गूगल को छवि का रिवर्स सर्च करने की अनुमति देता है। गूगल तब अपने व्यापक डेटाबेस में खोज करता है और उस छवि के मूल स्रोत का पता लगाने की कोशिश करता है। यह उपयोगकर्ताओं को यह निर्धारित करने में मदद करता है कि छवि वास्तविक है या फर्जी।
सुरक्षा और गोपनीयता की गारंटी
इस फीचर का उपयोग करते समय व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं को सूचित करता है कि उनकी चैट सामग्री गूगल के साथ साझा नहीं की जाएगी। केवल वह विशेष छवि गूगल पर अपलोड की जाती है जिसे उपयोगकर्ता जांचना चाहते हैं। इससे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता सुनिश्चित होती है।
अन्य नई सुविधाएं
रिवर्स इमेज सर्च के अलावा, व्हाट्सएप ने अपने आईओएस ऐप में एक नया इन-ऐप दस्तावेज़ स्कैनिंग फीचर भी जोड़ा है। यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को तृतीय-पक्ष स्कैनिंग ऐप्स जैसे Adobe Scan या CamScanner का उपयोग किए बिना दस्तावेज़ों को स्कैन करने की अनुमति देती है। यह न केवल समय बचाने वाला है, बल्कि चलते-फिरते काम करने वालों के लिए भी बेहद उपयोगी है।
क्यों है यह फीचर महत्वपूर्ण?
फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं का प्रसार केवल व्हाट्सएप तक सीमित नहीं है, लेकिन इसका बड़ा उपयोगकर्ता आधार इसे इस समस्या का एक बड़ा केंद्र बनाता है। रिवर्स इमेज सर्च Technology उपयोगकर्ताओं को स्वचालित रूप से साझा की गई सामग्री की प्रामाणिकता जांचने का अवसर देता है, जिससे उन्हें फर्जी सूचनाओं का हिस्सा बनने से बचाया जा सकता है।
फीचर का रोलआउट
व्हाट्सएप धीरे-धीरे इस फीचर को सभी उपयोगकर्ताओं के लिए रोल आउट कर रहा है। यदि आपके पास यह सुविधा अभी तक उपलब्ध नहीं है, तो इसे आने वाले हफ्तों में अपडेट के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
निष्कर्ष
व्हाट्सएप का यह कदम डिजिटल युग में गलत सूचनाओं के प्रसार को नियंत्रित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। रिवर्स इमेज सर्च और इन-ऐप डॉक्यूमेंट स्कैनिंग जैसे फीचर्स उपयोगकर्ताओं को अधिक सशक्त और सुरक्षित अनुभव प्रदान करेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि उपयोगकर्ता इन नई सुविधाओं का कितना प्रभावी उपयोग करते हैं और यह फीचर्स फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने में कितने कारगर साबित होते हैं।
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