
मेलबर्न cricket ग्राउंड (एमसीजी) पर चल रहे तीसरे दिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे टेस्ट cricket मुकाबले में भारत ने शानदार वापसी की। नितीश रेड्डी ने अपने करियर का पहला टेस्ट शतक जमाया, जबकि वॉशिंगटन सुंदर ने अपने टेस्ट करियर का चौथा अर्धशतक लगाया। इन दोनों की जुझारू पारियों ने भारत को संकट से निकालकर 348 रनों तक पहुंचाया। जब दिन का खेल समाप्त हुआ, भारत का स्कोर 358/9 था और वह ऑस्ट्रेलिया के स्कोर से 116 रन पीछे था।
सुबह की शुरुआत में भारत संकट में
दिन की शुरुआत भारत के लिए खराब रही। ऋषभ पंत, जो अपनी आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं, ने एक साहसिक प्रयास में अपना विकेट गंवा दिया। उन्होंने स्कॉट बोलैंड की गेंद पर लैप शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद बल्ले का किनारा लेकर नाथन लायन के हाथों में चली गई। इस शॉट के बाद पंत जमीन पर गिर गए और भारत का स्कोर 191/6 हो गया।
इसके बाद, रविंद्र जडेजा ने संभलकर खेलते हुए 51 गेंदों पर 17 रन बनाए। हालांकि, नाथन लायन ने अपनी चतुर गेंदबाजी से उन्हें पीछे के पैर पर खेलने को मजबूर किया और तेज गति की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया।
संकट के समय में नितीश और सुंदर का कमाल
191/7 के मुश्किल हालात में नितीश रेड्डी और वॉशिंगटन सुंदर ने मोर्चा संभाला। दोनों ने धैर्य और समझदारी से बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का डटकर सामना किया।
नितीश, जिन्होंने इस सीरीज में पहले ही तीन बार 40 से अधिक रन बनाए थे, ने इस बार कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई। उन्होंने अपनी तकनीक और संयम का प्रदर्शन करते हुए मौके पर चौके-छक्के लगाए। वहीं, सुंदर ने भी धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी की।
ऑस्ट्रेलियाई test cricket गेंदबाजों की रणनीति का सामना
पैट कमिंस और स्कॉट बोलैंड की तेज गेंदबाजी और नाथन लायन की स्पिन के बावजूद दोनों बल्लेबाज मजबूती से खड़े रहे। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने फील्ड में बदलाव किए, गेंदबाजी के कोण बदले और शॉर्ट गेंदों का सहारा लिया, लेकिन नितीश और सुंदर ने हर रणनीति का जवाब दिया।
सुंदर को एक जीवनदान भी मिला, जब स्टीव स्मिथ ने स्लिप में उनका कैच छोड़ दिया। सुंदर ने इस मौके का फायदा उठाते हुए अपनी पारी को 50 रनों के पार ले गए। दूसरी ओर, नितीश ने अपने पिछले अनुभव से सीखते हुए शॉर्ट गेंदों पर संभलकर खेला।
नितीश का साहस और सुंदर का समर्थन
सुंदर और नितीश ने आठवें विकेट के लिए एमसीजी में 127 रनों की साझेदारी कर भारत को मैच में बनाए रखा। यह साझेदारी एमसीजी में आठवें विकेट के लिए रिकॉर्ड साझेदारी थी।
नितीश ने अपनी पारी में आत्मविश्वास और साहस का प्रदर्शन किया। उन्होंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ ड्राइव और स्पिनर्स के खिलाफ चढ़कर खेलने में कोई झिझक नहीं दिखाई। एकमात्र जोखिम भरा शॉट उन्होंने बोलैंड के खिलाफ रिवर्स स्वीप खेलने का प्रयास किया। उनके पिता, जो स्टैंड्स में बैठकर प्रार्थना कर रहे थे, ने इस दौरान बेहद तनाव भरे पल देखे।
नर्वस नाइन्टीज और test cricket में पहला शतक
जब भारत ने जल्दी-जल्दी दो विकेट खो दिए, तो ऐसा लगा कि नितीश अपने पहले शतक से चूक सकते हैं। वॉशिंगटन सुंदर को नाथन लायन ने अतिरिक्त उछाल वाली गेंद पर पवेलियन भेज दिया। इसके बाद जसप्रीत बुमराह भी जल्द ही आउट हो गए। लेकिन मोहम्मद सिराज ने नितीश का साथ दिया और उन्हें मौका दिया कि वे अपने पहले शतक तक पहुंच सकें।
नितीश 90 के स्कोर पर 18 गेंदों तक रुके रहे। इस दौरान उन्होंने संयम बनाए रखा और अंततः स्कॉट बोलैंड की गेंद पर सीधा चौका मारकर अपना शतक पूरा किया।
दिन का खेल खराब रोशनी और बारिश के कारण रुका
नितीश का शतक पूरा होने के तुरंत बाद खराब रोशनी के कारण खेल रोक दिया गया। जब तक रोशनी में सुधार होता, बारिश शुरू हो गई और खेल फिर से शुरू नहीं हो सका। भारत ने दिन का अंत 358/9 के स्कोर पर किया।
भारत के लिए क्या मायने रखती है यह साझेदारी?
इस साझेदारी ने भारतीय टीम के प्रबंधन के उन कठिन और विवादास्पद चयन निर्णयों को सही साबित कर दिया, जिनके तहत नितीश रेड्डी और वॉशिंगटन सुंदर को इस मैच में मौका दिया गया था। नितीश ने दिखाया कि वह मुश्किल हालात में टीम को संभालने की क्षमता रखते हैं।मेलबर्न टेस्ट cricket का यह दिन भारतीय टीम के लिए एक यादगार पल रहा, जहां युवा खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। अब देखना यह है कि भारत इस स्थिति से मैच में आगे कैसे बढ़ता है और ऑस्ट्रेलिया को किस हद तक चुनौती देता है।